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Saturday 26 July 2014

फ्लिपकार्ट की सफलता की कहानी

flipkart यह एक भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी है, जिसकी स्थापना 2007 में सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने की थी। वास्तव में यह ऑनलाइन मेगा स्टोर है, जहां हजारों वस्तुओं की बिक्री होती है। इसका वार्षिक व्यवसाय 500 करोड़ रुपए से भी अधिक है और इसके पास 4500 से भी अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं। एक अनुमान के अनुसार इस कंपनी की कीमत 9000 करोड़ रुपए से भी अधिक आंकी गयी है। यह कर्नाटक राज्य के बेंगलुरु शहर में स्थित है।
सचिन और बिन्नी बंसल दोनों चंडीगढ़ से है और इनकी आपस में कोई रिश्तेदारी नहीं है। वे दोनों आईआईटी दिल्ली में क्लासमैट थे और अपनी डिग्री लेने के बाद दोनों ने जॉब करना शुरू कर दिया था। उस वक्त उनकी उधमी बनने बनने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। जनवरी 2006 में सचिन बंसल ने अमेजन डॉट कॉम में नौकरी कर ली। कुछ समय बाद 2007 में बिन्नी ने भी उसी कंपनी में नौकरी कर ली। जल्दी ही दोनों ने अपना व्यवसाय शुरू करने की सोची और मात्र चार लाख रुपए की पूंजी से उन्होंने सिर्फ किताबें बेचने के लिए flipkart नाम की इंटरनेट साइट 2007 में ही शुरू की। दोनों ने कड़ी मेहनत की और कई कठिनाइयों के बावजूद इसे सफल बनाया। बाद में उन्होंने किताबों के अलावा अन्य सामान भी बेचने शुरू कर दिए। आज इनकी साइट पर 700 से भी अधिक विक्रेताओं के सामान बेचे जाते हैं और इसके पास एक करोड़ से भी अधिक ग्राहक हैं।
उन्होंने पहली बार अपनी वेबसाइट पर कैश ऑन डिलीवरी की सेवा शुरू की, जिसे ग्राहकों ने बहुत पसंद किया और उनके पास आर्डर का अम्बार लग गया। उनको अपना पहला आर्डर उस किताब का मिला था, जिसे एक ग्राहक तीन वर्षों से ढूंढ रहा था। उन्होंने तुरंत अपना सारा समय उस किताब को ढूंढने में लगाया। भाग्य से उनको यह किताब बेंगलुरू के एक बुक स्टोर में उपलब्ध हुई। उन्होंने तुरंत उसे खरीदा और ग्राहक को बिलकुल समय पर उसकी डिलीबरी की।
उनका मानना है कि "हमें भारत की सबसे बड़ी वेबसाइट बनना है। इसके लिए लगातार काम करना होगा, लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि ये करिश्मा रातोंरात हो जाएगा। हम एक बार में एक कदम उठाएंगे। अपने सिस्टम अच्छे करेंगे और ग्राहक को क्वालिटी प्रदान करने के लिए और निवेश करेंगे।"

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